
हरियाणा के तथाकथित संत रामपाल पांच दिनों तक चले हाई-वोल्टेज ड्रामा के बाद हिसार के बरवाला आश्रम से गिरफ्तार।
नंबर 4 पर इसलिए क्योंकि: देशद्रोह का दुस्साहसी मामला। न्याय और प्रशासनिक व्यवस्था से दो-दो हाथ करने की खुली चुनौती। आश्रम से चले पत्थर, बम और बंदूक। कमांडो सेना और भक्तों ने हजारों पुलिसकर्मियों को पांच दिन तक खूब दौड़ाया।
फैक्ट फाइल :
• सोनीपत के धनाणा गांव में 1951 को जन्मे रामपाल हरियाणा के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर थे। नौकरी के दौरान ही रामपाल दास सत्संग करने लगे और ‘संत रामपाल‘ बन गए।
• खुद को कबीर अवतार बताने वाले रामपाल ने करोंथा गांव में और हिसार के बरवाला में सतलोक आश्रम बनाया।
• आर्य समाजियों के साथ संघर्ष व हत्या के मामले में जेल गए फिर ज़मानत मिली, लेकिन उसके बाद कभी अदालत में पेश नहीं हुए।
• पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें अदालत में पेश होने को कहा था लेकिन बाबा बहाने बनाकर बचते रहे।
• सरकार भी निष्क्रिय बनी रही और रामपाल ने खुद की बजाय अपनी कमांडो सेना और अंध भक्तों को ढाल बनाकर आगे कर दिया।
• आखिर 5 दिनों बाद 15 हजार से ज्यादा लोगों को आश्रम से निकालने के बाद पुलिस ने रामपाल को 19 नवंबर को आश्रम से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया।
• अंधभक्त कहते रहे, बाबा एक चमत्कारी आत्मा है जो धरती पर भगवान का स्वरूप है. कुछ लोग इन्हें फंसा रहे है।
No comments:
Post a Comment