MBA students ne khola ganne ke ras ka bussiness

बिलासपुर। कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता, साल 2014 में चार एमबीए छात्रों ने इस मिसाल को सच कर दिखाया। बड़े इंस्टीट्यूट से एमबीए करने के बाद लाखों का पैकेज छोड़कर आए रायपुर के कुछ युवाओं ने गन्ना रस की दुकान खोली। इस दुकान का ब्रांड नेम गन्ना वाला कैफे रखा जो शहर में बहुत लोकप्रिय हुआ।
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चार एमबीए दोस्‍त अंकित, अमित, विकास और संदीप (बांए से दाएं)।
चार एमबीए दोस्‍त अंकित, अमित, विकास और संदीप (बांए से दाएं)।
मिलिए गन्नेवालों से  
 
संदीप जैन, विकास खन्ना, अमित अग्रवाल और अंकित सरावगी ने शहर के सालेम स्कूल से पढ़ाई की इसके बाद संदीप ने आरआईटी से इंजीनियरिंग और एफएसएम दिल्ली से एमबीए किया फिर छत्तीसगढ़ की एक इंडस्ट्री में जॉब करने लगे। विकास ने तापनी से एमबीए करने के बाद यूएसए से सीएफए का कोर्स किया और सिटी ग्रुप में इनवेस्टमेंट एनालिसिस की जॉब लग गई। अंकित ने इंदौर से एमबीए किया और रोहा डाइकैम मुंबई में जॉब लग गई। सिंबॉयसिस से एमबीए करने के बाद अमित ने जेपी मोर्गन में एनालिस्ट की तरह जॉब किया।
 
 नहीं मिला जॉब सैटिसफेक्शन,  तो आया कुछ नया करने का ख्‍याल    
 
लाखों का पैकेज होने के बाद भी जॉब में सैटिसफेक्शन नहीं मिलने की वजह से चारों दोस्त रायपुर लौट आए और फैमिली बिजनेस करने की सोची। लेकिन तभी उनके मन में कुछ नया और अलग करने का ख्याल आया। फूडी होने की वजह से चारों ने इसी क्षेत्र में काम करने की सोची और अचानक गन्ना रस का आइडिया क्लिक कर गया और रायपुर में अपनी सेविंग से आधुनिक गन्ना रस की दुकान खोल ली।  
 
दिनभर में 600 ग्‍लास सेल 
 
दुकान में पर सुबह से लेकर रात तक इनके गन्ना कैफे में लोगों की भीड़ लगी रहती है। दिनभर में ये लगभग 600 ग्लास गन्ना रस बेच देते हैं। इनका मानना है कि गन्ना रस का स्वाद सभी को पसंद है, लेकिन ठेलों में साफ सफाई नहीं होने की वजह से लोग इसे पीने से कतराने लगे थे। लेकिन आधुनिक मशीन से हाईजीन का ख्याल रखकर निकाला गया रस लोगों को इतना पसंद आने लगा, कि बच्चे और यंगस्टर्स भी सॉफ्ट ड्रिंक की बजाए गन्ना रस पीने लगे। तीन बार धोकर गन्ना रस निकालने के साथ ही ये गन्ने में बर्फ डालने की बजाए डीप फ्रीजर में रखकर गन्ने को ठंडा करते है, ताकि हाई जीन के साथ हेल्दी और प्योर जूस मिले।

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