एक आदमी बाड़ में कीलें ठोंक रहा था. एक औरत वहां से गुज़री और उसे काम करते देखकर बोली, “यह तुम क्या कर रहे हो? कीलों को उनकी नोक पर नहीं बल्कि चपटे सिरे पर चोट मारकर ठोंकते हैं. क्या तुमने पहले कभी कीलें नहीं ठोंकीं? क्या पी रखी है?”“मैं यह पहले भी सैकड़ों बार कर चुका हूँ”, उस आदमी ने कहा, “मैं ऐसे ही काम करता हूँ”.
“लेकिन तुम्हारा तरीका तो सरासर गलत है. लाओ, मैं तुम्हें ठीक से यह करके दिखती हूँ”, औरत ने कहा.
“नहीं! मैं अपनी आदत नहीं बदलना चाहता”, आदमी बोला, “मुझे ऐसे ही काम करना पसंद है और मेरे लिए यही सही तरीका है”.
औरत ने देखा कि वह आदमी मजाक नहीं कर रहा था. वह चुपचाप वहां से चली गयी.
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