लड़कियों को देखकर अक्सर लड़कों के जुबान से निकल
जाता है- "वाह क्या माल है..." सवाल ये है की इन शव्दों का इस्तेमाल लोग
दूसरों की बहनों बेटियो के लिए तो खूब करते
हैं...
पर खुद की बहनों बेटियो के लिए कभी नहीं करते...
खुद इस्तेमाल करना तो दूर की बात अगर आपके सामने आपके परिवार के बहन को कोई माल कहकर
संवोधित करता है...
तो आप उस इन्सान से झगडा, मार पिट कर बैठते हैं...
आप ऐसा क्यूँ करते हैं...
जब आप किसी दूसरे
की बहन को माल कह सकते हैं
तो आपकी बहन
को भी तो कोई
माल कह सकता है...
तो फिर
आपको #गुस्सा तो नहीं होना चाहिए... आखिर क्यूँ होते हैं गुस्सा ? आप खुद तो कई गर्लफ्रेंड रखते हैं पर अपनी बहन को कहते हैं
देखो सीस (सीस्टर
का छोटा रूप) लड़कों से जरा दूर ही रहना बड़े
कमीने होते हैं ये लड़के... भूल जाते हैं की, जब आप ये सब कर सकते हैं तो बहन क्यूँ नही... अपनी बहन अच्छी और
दूसरों की बहन बुरी क्यूँ नजर आती है...??
"आप अपने #समाज का आइना होते है तो फिर अपना ही स्वरुप क्यों ख़राब करने पर तुले रहते है.."
जाता है- "वाह क्या माल है..." सवाल ये है की इन शव्दों का इस्तेमाल लोग
दूसरों की बहनों बेटियो के लिए तो खूब करते
हैं...
पर खुद की बहनों बेटियो के लिए कभी नहीं करते...
खुद इस्तेमाल करना तो दूर की बात अगर आपके सामने आपके परिवार के बहन को कोई माल कहकर
संवोधित करता है...
तो आप उस इन्सान से झगडा, मार पिट कर बैठते हैं...
आप ऐसा क्यूँ करते हैं...
जब आप किसी दूसरे
की बहन को माल कह सकते हैं
तो आपकी बहन
को भी तो कोई
माल कह सकता है...
तो फिर
आपको #गुस्सा तो नहीं होना चाहिए... आखिर क्यूँ होते हैं गुस्सा ? आप खुद तो कई गर्लफ्रेंड रखते हैं पर अपनी बहन को कहते हैं
देखो सीस (सीस्टर
का छोटा रूप) लड़कों से जरा दूर ही रहना बड़े
कमीने होते हैं ये लड़के... भूल जाते हैं की, जब आप ये सब कर सकते हैं तो बहन क्यूँ नही... अपनी बहन अच्छी और
दूसरों की बहन बुरी क्यूँ नजर आती है...??
"आप अपने #समाज का आइना होते है तो फिर अपना ही स्वरुप क्यों ख़राब करने पर तुले रहते है.."
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