बचपन की यादें

 • बचपन की यादें •
एक दौर हुआ करता था ,
हमारे भी हुनर का
जब झाड़ू की सींक से
धनुष बना दिया करते थे।

तैयार होने के बाद राजा बाबू वाली फीलिंग
तो तभी आती थी जब माँ नहला धुला पाउडर लगाने के बाद,
ठुड्डी पकड़ के साइड से मांग निकाल के बाल बनाती थी..... !!!

#बचपन में सब लोग पूछा करते थे कि बड़े होकर क्या बनना है?
अब जाकर जवाब मिला....
"फिर से बच्चा बनना है..!!"

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