दो हत्याओं की दोषी

औपचारिक कुशलक्षेम के बाद एक ने दूसरी से पूछा..'कितने बच्चे
हैं तुम्हारे ?

'दो बेटियाँ हैं
दूसरी ने हर्ष के साथ कहा'

पहली सहेली ने चेहरे पर सिकन लाते हुए कहा -:'हे भगवान, इस
जमाने में दो #बेटियाँ. मेरे तो दो बेटे हैं. मुझे भी दो बार पता चला था गर्भ में बेटी है,मैंने
तो छुटकारा पा लिया.अब देखो कितनी निश्चिन्त हूँ'.
'पहली ने कहा. 'काश, तीस वर्ष पहले तेरी माँ ने भी तेरे जन्म से
पहले ऐसा किया होता तब आज तू दो हत्याओं की दोषी न
होती. तेरी #माँ को एक ही ह्त्या का पाप लगता'.

पास में
खड़ी #सहेली की इस बात पर घिग्गी बन्ध गई..!!
उसके पास सर
नीचे झुकाने के आलावा कोई चारा ना था..!!
जरा सोचिए दोस्तों बात बहुत गहरी है...

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