एहसान

चार दोस्त थे।उनमें से तीन संपन्न परिवार से थे। लेकिन
एक गरीब परिवार का था,जिसका नाम चंदन था।
लेकिन उन चारो ने कभी अमीरी-गरीबी का भेदभाव नही किया।चारो ही
पढ़ने में होशियार थे। जिन्होंने बचपन
से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई
साथ में की।
तीनों अमीर दोस्तों के माता-पिता ने तो
अपने बच्चों को
उच्च शिक्षा के लिये अच्छे कॉलेज में
एडमीशन करा दिया।
लेकिन चंदन के पास इतने पैसे नही थे
कि वह आगे की पढ़ाई कर सके।
इसलिऐ उसने एक किराने की दुकान
खोलने की सोची।
लेकिन उसके पास तो रुपऐ थे नही।इसलिऐ उसने अपने दोस्तों से #मदद माँगी और उनसे कहा कि
वह उनके पैसे ब्याज सहित लौटा देगा।
उनके दोस्तों ने अपने जेब खर्चों में
कटौती करके
उसे छः महीनों में करीब ₹५०००० दिये
और कहा
कि ब्याज देने की जरूरत नही है ,
तुम निश्चिंत होकर
अपना काम शुरू करो।
चंदन ने दुकान ऐसी जगह खोली
जहाँ पहले कोई दुकान ही नही थी।
इसलिए उसकी दुकान अच्छी चलने लगी थी।
और कुछ सालों में ही वह अच्छा खासा कमाने लगा था।
उसके दोस्तों की भी अब अच्छी नौकरी लग गई थी। चंदन के भी अब बहुत से दोस्त बन गऐ थे।
एक बार चंदन ने अपने #जन्मदिन पर
एक पार्टी रखी और
उसने अपने तीनों बचपन के दोस्तों और अपने सभी
जान पहचान वालों को बुलाया।
स्टेज पर आकर चंदन ने कहा -:
"आज आप सभी हमारे साथ खड़े हैं,
लेकिन मेरा एक ऐसा भी #वक्त था
जब मेरे साथ कोई नही खड़ा था।
लेकिन उस वक्त
मेरे तीन दोस्त मेरे साथ खड़े थे
और उन्होंने अपनी
जेब काटकर मुझे ५०००० रुपऐ की मदद की थी।
मैं अपने दोस्तों को स्टेज पर आमंत्रित करता हूँ और
#शुक्रिया_अदा करता हूँ।"
चंदन ने अपने तीनों दोस्तों को
खुशी खुशी पचास-पचास हजार रुपऐ दिये
और कहा कि तुम लोगों ने अगर उस समय मेरी मदद न की होती।
तो शायद मैं इस काबिल नही होता।
मैं तुम लोगों का एहसान
जिंदगी भर नही भूलूँगा।

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